तुला राशि के जातक किस प्रवृति के होते है और इनकी कमज़ोरिया क्या है?
तुला राशि के जातक प्राकृतिक रूप से ही अदाकार होते है। वह हमेशा ही अपने खुशमिजाज रूप से सामने वाले के साथ में अच्छा ही व्यवहार रखते है। यह कभी भी अकेला रहना पसंद नहीं करते है। अपने साथ हमेशा किसी न किसी के साथ में संबंधित ही रहते है। इनको यह पता है कि किसी इंसान के साथ में संबंध किसके साथ में कैसा रखना है यह सब यह जानते है। हमेशा नए से नए दोस्त बनाना इनको अच्छा लगता है। इस राशि के जातक का मानना है कि अगर हम जोड़े में काम करते है तो काम बहुत ही अच्छे से और सफल रूप से होता है। फिर वह चाहे घर हो या आपका कार्यलय हो। मुश्किल से मुश्किल काम को आसान बनाना इनकी फ़ितरत होती है। यह सभी की मदद करना पसंद करते है। हर किसी के लिए अच्छा करना करना चाहते है। इनको बहुत अच्छा लगता है। जब यह किसी के लिए कुछ खास करते है।
इस राशि के लोग दिमाग का अच्छा इस्तेमाल करते है और अपने विचारो को दुसरो के साथ में संचार करने में बहुत ही आनंद लेते है। इनको अच्छे पता होता है कि इंसान के साथ में किस तरह से बात करनी है। निष्पक्ष तर्क करने के लिए ये कूटनीतिक और समझौते का रास्ता भी अपनाते है।
यह हमेशा विन्रम और झगड़े से दूर रहते है। यह अपने विचारो से विवादों को खत्म करने का प्रयास करते है। जुबान में कभी भी कड़वे बोल नहीं लाते है। अगर इनके सामने कभी कोई बड़ी समस्या आ भी जाए तो यह उसे ठंडे दिमाग से सुलझाने में अपना विश्वाश रखते है।
तुला राशि की कमज़ोरी
यह किसी के बुरे व्यवहार या आपस में किसी को एक दूसरे से बुरा व्यवहार करते देख कर उससे नफरत करते है। इन राशि को सख्त नफरत है अगर कोई बुरा व्यवहार करता है। यह साफ़ सुथरा काम करना पसंद करते है और अपने काम को अपना गुरु मानते है। इनपर आलसी होने का आरोप भी लगाया जाता है। समय पर अपना काम खत्म करने के चक्र में आराम भी नहीं कर पाते है। इनकी अनिर्णय की स्थिति इनकी सबसे बड़ी कमजोरी है। जो इनमे देरी का कारण भी बनती है , और नुक्सान के बारे में सोचते ही रह जाते है।
तुला राशि के नाम रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू या ते अक्षरों से शुरू होते है। यह हमेशा अपने नाम से प्रेम करते है। अपने आप को इतना ज्यादा पसंद करते है कि इनकी जिंदगी में कोई भी बड़ी समस्या आ जाये फिर यह उसे आसानी से हल कर लेते है।
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